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लेखनी कहानी -30-Apr-2022 दिल के जजबातों को

# ओपन माइक प्रतियोगिता हेतु रचना 




दिल के जज्बातों को बिना कहे ही समझ जाया करो 
ख्वाबों पे बड़े पहरे हैं देखो, रोज यहां ना आया करो 

बिजली की चमक से बड़ा डर लगता है , जानेजां
सुनो, अपने माथे पे ये बिंदिया यूं ना लगाया करो 

नाजुक सा दिल है मेरा , ये सितम सह ना पायेगा 
थोड़ा सा तो रहम करो, ऐसे तो ना मुस्कुराया करो 

एक तो चिलचिलाती गर्मी उस पर ये हुस्न के शोले 
जब भी कभी निकलो फायर ब्रिगेड साथ लाया करो 

रेशमी जुल्फें जब बिखरती हैं, घटाऐं सी छा जाती हैं 
झटक कर बाल हौले से, रोज सावन बन जाया करो 

नरगिसी बांहों के हार में झूलने को करता है ये मन 
दुनिया की नजरों से बचा के आंचल में छुपाया करो 

बस एक तेरी खातिर इस दुनिया को छोड़ आया हूं मैं 
दो चार कदम चल के तुम भी तो मेरी तरफ आया करो 

हरिश॔कर गोयल "हरि"
30.4.22 




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2 Comments

Gunjan Kamal

30-Apr-2022 01:31 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

30-Apr-2022 07:54 AM

💐💐🙏🙏😊😊

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